Tenant Verification Rule 2025: किराएदार का वेरिफिकेशन नहीं कराया तो होगी कार्रवाई, मकान मालिकों के लिए नया आदेश जारी

Tenant Verification Rule 2025: किराएदार का वेरिफिकेशन नहीं कराया तो होगी कार्रवाई, मकान मालिकों के लिए नया आदेश जारी
Tenant Verification Rule 2025: किराएदार का वेरिफिकेशन नहीं कराया तो होगी कार्रवाई, मकान मालिकों के लिए नया आदेश जारी

भारत में, हमेशा से किरायेदार सत्यापन अनिवार्य रहा है और इसे अक्सर स्थानीय पुलिस द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 या संबंधित राज्य पुलिस अधिनियमों के तहत अनिवार्य किया जाता है। यह कानून सुरक्षा कारणों से लागू किया गया है। 

अन्य राज्यों और जनपदों से आकर शहर में अपराधिक गतिविधियां कर फरार होने वाले बदमाशों पर एक बार फिर पुलिस ने शिकंजा कसने की तैयारी की है, सयुंक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था मकान मालिकों को निर्देश जारी किए है, किराएदारों को एक माह के अंदर पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ की वेबसाइट या  UPCOP ऐप पर सत्यापन जरुर करा लें, यदि कोई मकान मालिक बिना सत्यापन के किराएदार रखता है और वह किराएदार किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल पाया जाता है, तो मकान मालिक के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य अपडेट और नियम

1 जुलाई 2025 से, पूरे भारत में सभी नए रेंटल एग्रीमेंट के लिए डिजिटल स्टैंप कराना अनिवार्य हो गया है, ऐसा न करने पर मकान मालिक पर ₹5,000 तक का जुर्माना लग सकता है, देश भर में पुलिस सत्यापन अभी भी आवश्यक है, यदि कोई मकान मालिक पुलिस सत्यापन नहीं कराता है और किरायेदार किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल पाया जाता है, तो मकान मालिक को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 188 के तहत दंडित किया जा सकता है, इसमें जुर्माना या एक महीने तक की जेल, या दोनों हो सकते हैं। 

मकान मालिकों के लिए आदेश

मकान मालिकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने और अपने आस-पड़ोस की सुरक्षा के लिए किरायेदार का पुलिस सत्यापन अवश्य कराएं। प्रक्रिया ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से की जा सकती है: 

  1. अधिकांश राज्यों की पुलिस वेबसाइटों पर ऑनलाइन किरायेदार सत्यापन फॉर्म उपलब्ध हैं, जिन्हें भरकर जमा किया जा सकता है।
  2.  अपने स्थानीय पुलिस स्टेशन से किरायेदार सत्यापन फॉर्म प्राप्त करें, सभी आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें और इसे जमा करें। 

किरायेदार का वेरिफिकेशन नहीं कराने पर कार्रवाई का प्रावधान हमेशा से रहा है, और नए नियमों ने डिजिटल एग्रीमेंट को अनिवार्य करके प्रक्रिया को और औपचारिक बना दिया है। 

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