
भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट प्रणाली में पारदर्शिता लाने और दलालों के हस्तक्षेप को खत्म करने के लिए 2025 में कई महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है, इन नए और कड़े नियमों के प्रभावी होने के बाद, अब सामान्य यात्रियों को टिकट बुकिंग में आसानी हो रही है, साथ ही उन्हें एजेंटों द्वारा वसूले जाने वाले अतिरिक्त शुल्क से ₹500 से ₹600 तक की सीधी बचत हो रही है।
ये हैं तत्काल टिकट 2025 के मुख्य नए नियम
आधार आधारित अनिवार्य सत्यापन
यात्रियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ने एक बड़ा कदम उठाया है। 1 जुलाई 2025 से IRCTC की वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से तत्काल टिकट बुक करने के लिए उपयोगकर्ता का आधार-प्रमाणित (Aadhaar authenticated) होना अनिवार्य कर दिया गया है।
OTP आधारित बुकिंग प्रणाली
15 जुलाई 2025 से ऑनलाइन और कंप्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली (PRS) काउंटरों, दोनों पर तत्काल टिकट बुकिंग के लिए OTP (वन-टाइम पासवर्ड) आधारित सत्यापन अनिवार्य हो गया है। बुकिंग प्रक्रिया शुरू करने से पहले उपयोगकर्ता के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाता है, जिसके सत्यापन के बाद ही बुकिंग आगे बढ़ती है।
एजेंटों के लिए समय सीमा निर्धारित
दलालों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए अधिकृत एजेंटों के बुकिंग समय पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं:
- एजेंट सुबह 10:00 बजे से 10:30 बजे के बीच तत्काल टिकट बुक नहीं कर सकते।
- एजेंटों के लिए बुकिंग विंडो सुबह 11:00 बजे से 11:30 बजे तक बंद रहती है।
इस कदम से बुकिंग विंडो खुलने के शुरुआती महत्वपूर्ण समय में वास्तविक यात्रियों को वरीयता मिल रही है।
PNR पर यात्रियों की संख्या सीमित
- अब एक PNR (यात्री नाम रिकॉर्ड) के तहत केवल चार यात्रियों के लिए ही तत्काल टिकट बुक किया जा सकता है। यह नियम अधिक से अधिक लोगों को तत्काल सेवा का लाभ उठाने का अवसर देता है।
यात्रियों को कैसे हो रही है बचत?
इन कड़े नियमों के कारण, अवैध रूप से तत्काल टिकट बुक करने वाले दलालों की गतिविधियां लगभग समाप्त हो गई हैं। पहले, यात्री अक्सर एजेंटों को तत्काल टिकट के लिए ₹500 से ₹1000 तक का अतिरिक्त शुल्क देने पर मजबूर होते थे। अब यात्री सीधे IRCTC पोर्टल से बिना किसी अतिरिक्त लागत के टिकट बुक कर पा रहे हैं, जिससे उन्हें प्रति टिकट ₹500-600 तक की बचत हो रही है।









