
केंद्र सरकार के सख्त निर्देशों के बाद देशभर में चलाए जा रहे सत्यापन अभियान के तहत एक बड़ा कदम उठाया गया है, खाद्य और आपूर्ति विभाग ने अपात्र पाए गए 13 लाख से अधिक गरीब परिवारों के राशन कार्ड रद्द कर दिए है, इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है, क्योंकि इन परिवारों के नाम बीपीएल सूची से भी बाहर कर दिए गए हैं।
क्यों लिया गया यह फैसला
अप्रैल 2025 में पूरे हरियाणा में बीपीएल परिवारों की संख्या 52 लाख 50 हजार से अधिक थी, लेकिन हालिया जांच और आय सत्यापन प्रक्रिया के बाद बड़े पैमाने पर नाम काटे गए, केवल पिछले दो महीनों में ही 4 लाख 73 हजार 247 कार्ड निरस्त किए गए हैं, जिससे लगभग 12.89 लाख लोगों पर सीधा असर पड़ा है, विभाग के अनुसार, अक्टूबर में 3 लाख 28 हजार 203 और नवंबर में 1 लाख 45 हजार 44 बीपीएल कार्ड धारकों को लिस्ट से बाहर किया गया, जिससे लाखों लोग सरकारी राशन सुविधा से वंचित हो गए।
मुख्य बातें
- 13 लाख से अधिक परिवार।
- राशन कार्ड रद्द, बीपीएल सूची से बाहर।
- अपात्रता, नियमों का उल्लंघन।
- यह कार्रवाई मुख्य रूप से कर्नाटक राज्य में हुई है, लेकिन अन्य राज्यों में भी अभियान जारी है।
क्यों हुई यह कार्रवाई?
केंद्र सरकार ने जुलाई 2025 में सभी राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि केवल वास्तविक जरूरतमंद लोगों को ही रियायती राशन का लाभ मिले। निर्देशों में स्पष्ट था कि उन राशन कार्डों को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए जिनका उपयोग छह महीने से अधिक समय से नहीं किया गया है या जो फर्जी/अपात्र पाए गए हैं।
सत्यापन अभियान के दौरान, यह पाया गया कि कई परिवार पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करते थे। अपात्रता के मुख्य कारण निम्नलिखित थे:
- परिवारों की वार्षिक आय निर्धारित सीमा से अधिक थी।
- परिवारों के पास चार पहिया वाहन या अन्य महंगी संपत्ति होना।
- परिवार के किसी सदस्य का सरकारी नौकरी में होना या पेंशन प्राप्त करना।
- कई कार्ड फर्जी या डुप्लीकेट पाए गए।
आगे क्या होगा?
इस बड़े पैमाने पर कार्ड रद्द होने से उन परिवारों को बड़ा झटका लगा है जो अब तक इस योजना का लाभ उठा रहे थे। सरकार का दावा है कि इस कदम से राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता आएगी और वास्तविक गरीबों तक ही सरकारी सहायता पहुंच पाएगी।
पात्र परिवार क्या करें?
यदि किसी पात्र और जरूरतमंद परिवार का नाम गलती से हटा दिया गया है, तो उन्हें घबराने की जरुरत नहीं है, वे सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ अपने स्थानीय खाद्य और आपूर्ति विभाग के कार्यालय में संपर्क कर सकते है, ई-केवाईसी (e-KYC) प्रक्रिया पूरी करके और अपनी पात्रता साबित करके नाम सूची में दोबारा जुड़वाया जा सकता है।









