Electricity Theft Update: बिजली चोरी करने वालों की बढ़ी मुश्किलें! सरकार का सख्त एक्शन, अब नहीं बच पाएंगे बिजली चोर

राजस्थान बिजली निगम अब बिजली चोरी में शामिल लोगों पर पूरी तरह शिकंजा कसने के मूड में है। बढ़ती कम्प्लेंट्स और बिजली वितरण में हो रहे टेक्निकल लॉस को देखते हुए निगम ने नाइट सर्विलांस टीम्स को एक्टिव कर दिया है। इसका मकसद है—बिजली सिस्टम को लॉस से बचाना और पब्लिक को अनइंटरप्टेड सप्लाई देना।

सिटी से लेकर रूरल एरिया तक रेड

शनिवार देर रात डीग शहर और आसपास के गांवों में अचानक विजिलेंस की टीमें पहुंचीं। कई लोकेशन पर लोगों को डायरेक्ट लाइन से बिजली खींचते, मीटर के साथ छेड़छाड़ करते और तार जोड़ते हुए पकड़ा गया। कुछ घरों में तो पूरी रात पंखे, एसी और कूलर चोरी की बिजली से चलते मिले। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि कुछ मोहल्लों में हर रात यह “habitual practice” बन चुकी थी।

अभियान का संचालन चार संयुक्त टीमों ने किया, जिनकी कमान अभियंता और फील्ड टेक्निशियनों के हाथ में थी। डीग के अलावा जनूथर, खोह, पहलवाड़ा, भियाड़ी, करमुका, नाहरौली, चुल्हैरा, खेडा ब्राह्मण और सामई गांव इस रेड के दायरे में आए।

भारी जुर्माना और लीगल एक्शन

टीमों ने कुल 32 जगहों पर बिजली चोरी और misuse के मामले पकड़े। विजिलेंस जांच पूरी होने के बाद लगभग ₹14 लाख का फाइन लगाया गया। मौके पर मीटर से छेड़छाड़, वायर बाईपास और डायरेक्ट कनेक्शन जैसी तकनीकें डिटेक्ट की गईं।

अधिशाषी अभियंता मनोज वर्मा ने कहा कि यह केवल एक शुरुआत है। उन्होंने बताया कि यह ड्राइव हायर अथॉरिटीज के निर्देश पर शुरू हुई है ताकि पावर चोरी पर “permanent control” लाया जा सके। उनका कहना है, “आगे भी इस तरह की आकस्मिक रेड जारी रहेंगी और दोषियों को किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।”

टीम की सतर्कता बनी चर्चा का विषय

इस एक्शन में असिस्टेंट इंजीनियर हिमत सिंह, आकाश त्रिमूर्ति, पुनीत श्रीवास्तव, अनुराग शर्मा, और जूनियर इंजीनियर सुरेंद्र सिंह व कृष्णवीर सिंह शामिल रहे। सभी ने अपने-अपने जोन में टीमवर्क के साथ निरीक्षण किया और डिटेक्ट की गई गड़बड़ियों को ऑन-द-स्पॉट रिपोर्ट किया।

निगम की पब्लिक अपील

बिजली विभाग ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे “illegal power use” से बचें। विभाग का कहना है कि चोरी की बिजली न केवल कानूनन अपराध है बल्कि इससे ईमानदार उपभोक्ताओं की सप्लाई भी प्रभावित होती है। यदि भविष्य में कोई व्यक्ति या संस्था इस तरह की गतिविधि में लिप्त पाई जाती है, तो जुर्माने के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी तय है।

ऊर्जा बचत और पारदर्शिता की दिशा में कदम

यह कदम केवल सजा या डर दिखाने के लिए नहीं, बल्कि “energy responsibility” और “system transparency” की दिशा में बढ़ाया गया एक ठोस कदम है। सरकार चाहती है कि हर घर और व्यापारिक इकाई कानूनी तरीके से बिजली का उपयोग करे, ताकि तकनीकी घाटा घटे और राज्य में पावर डिस्ट्रिब्यूशन और भी एफिशिएंट बन सके।

आने वाले हफ्तों में यह नाइट विजिलेंस ड्राइव और तेज़ होने वाली है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि राजस्थान में हर वॉट की बिजली सही तरीके से गिने और सही जगह तक पहुंचे।

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