आधार आज हर भारतीय के लिए पहचान और वित्तीय सेवाओं का बुनियादी स्तंभ बन चुका है। परंतु इसके बड़े पैमाने पर इस्तेमाल के कारण पहचान चोरी और धोखाधड़ी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी चिंता को देखते हुए UIDAI यानी यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने एक अहम सुरक्षा उपाय सुझाया है – आधार के बायोमेट्रिक डेटा को लॉक करने की सुविधा।

बायोमेट्रिक लॉक का मतलब और महत्व
बायोमेट्रिक लॉक का तात्पर्य है कि आपके आधार में सेव की गई उंगलियों के निशान, आंखों की पुतली (आईरिस) और चेहरे की फोटो को सुरक्षित करना ताकि कोई अनधिकृत व्यक्ति इनका इस्तेमाल न कर सके। जब कोई व्यक्ति आपका बायोमेट्रिक लॉक करता है, तो बिना आपकी अनुमति के कोई इसे यूज नहीं कर सकता। इससे आधार कार्ड से जुड़ी धोखाधड़ी जैसे AePS फ्रॉड से बचाव होता है, जिसमें अपराधी बायोमेट्रिक डेटा का गलत उपयोग कर आपके बैंक खाते से पैसे निकाल सकते हैं।
बायोमेट्रिक लॉक न करने के जोखिम
यदि आप अपने बायोमेट्रिक डेटा को लॉक नहीं करते हैं, तो आपकी सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। गलत हाथों में पड़ने पर आपका बायोमेट्रिक डेटा क्लोनिंग या फर्जी तरीके से इस्तेमाल होकर आपकी निजी जानकारी और बैंकिंग जानकारी को खतरे में डाल सकता है। ऐसे फ्रॉड किसी भी समय हो सकते हैं, खासतौर पर तब जब आपके डेटा की रक्षा के लिए कोई अतिरिक्त सुरक्षा ना हो।
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कैसे करें बायोमेट्रिक लॉक?
UIDAI ने बायोमेट्रिक लॉकिंग की प्रक्रिया को बहुत आसान बनाया है। आप UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाकर अपने आधार नंबर और OTP के जरिए अपने बायोमेट्रिक डेटा को तुरंत लॉक कर सकते हैं। इसके बाद कोई भी व्यक्ति बिना आपके अनुमति के आपकी बायोमेट्रिक जानकारी का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। यदि जरूरत पड़े तो कभी भी आप इसे अनलॉक भी कर सकते हैं।
सुरक्षा के लिए ये कदम जरूरी क्यों?
आज के डिजिटल युग में पहचान की सुरक्षा बेहद आवश्यक हो गई है। धोखाधड़ी के नवीन तरीकों के सामने अपनी निजी जानकारी को सुरक्षित रखना हर नागरिक का फर्ज है। आधार के बायोमेट्रिक लॉकिंग से न केवल आपकी व्यक्तिगत पहचान सुरक्षित रहती है, बल्कि आपकी वित्तीय संपत्ति भी सुरक्षित रहती है। UIDAI की यह सुविधा नागरिकों को एक अतिरिक्त सुरक्षा कवच प्रदान करती है।









