
भारत सरकार महिलाओं को आर्थिक रुप से सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चलाती है, जो महिलाओं को ब्याज रहित लोना, स्किल ट्रेनिंग और आर्थिक सुरक्षा उपलब्ध करवाती है, कुछ योजनाओं में महिलाओं को बिना ब्याज या रियायती ब्याज दर पर 1 लाख रुपए तक का ऋण और मुफ्त प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
प्रमुख योजनाएं और लाभ
मुख्यमंत्री महिला उत्कर्ष योजना
- ₹1 लाख तक का ब्याज-मुक्त ऋण।
- महिलाओं को नया व्यवसाय शुरू करने या मौजूदा व्यवसाय का विस्तार करने में मदद करना।
- योजना के तहत महिलाओं को उद्यमिता ज्ञान और कौशल निर्माण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी प्रदान किए जाते हैं।
- ऋण बिना किसी संपार्श्विक (collateral) सुरक्षा के प्रदान किया जाता है और पुनर्भुगतान अवधि 5 वर्ष तक होती है।
उद्योगिनी योजना
यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए रियायती ब्याज दर और कुछ विशेष श्रेणियों (जैसे विधवा, निराश्रित या विकलांग महिलाओं) के लिए ब्याज-मुक्त ऋण प्रदान करती है।
- ₹3 लाख तक का ऋण।
- आमतौर पर, 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाएं पात्र होती हैं, जिनके परिवार की वार्षिक आय एक निश्चित सीमा (जैसे ₹45,000) से कम हो (यह सीमा राज्यों के अनुसार भिन्न हो सकती है)।
- यह योजना व्यापार और सेवा क्षेत्र के व्यवसायों के लिए ऋण प्रदान करती है।
आवेदन कैसे करें?
इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए, आप निम्नलिखित कदम उठा सकती हैं:
- आप विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी के लिए MyScheme पोर्टल पर जा सकती हैं और अपनी पात्रता के अनुसार योजना खोज सकती हैं।
- आप अपने नज़दीकी बैंक शाखा (जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, ग्रामीण बैंक) से संपर्क कर सकती हैं, क्योंकि ये बैंक अक्सर इन सरकारी योजनाओं को लागू करने के लिए चैनल पार्टनर के रूप में काम करते हैं।
- आवेदन के लिए सामान्य तौर पर आधार कार्ड, पहचान प्रमाण, पता प्रमाण, आय प्रमाण पत्र, और व्यवसाय योजना की आवश्यकता होती है।
- यदि आप किसी स्वयं सहायता समूह (SHG) का हिस्सा हैं, तो आपको मुफ्त प्रशिक्षण और उसके बाद ऋण प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं और स्थान के अनुसार नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक सरकारी वेबसाइटों या संबंधित राज्य सरकार के विभागों से संपर्क करें









